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भारत के यंगिस्तान का मरकज "गोवा" 🏖️
- Dr On Trail 🚂

- Dec 30, 2020
- 3 min read
Updated: Dec 31, 2020
नये साल को एक्सप्लोर करने के लिए ज्यादातर लोगों के ख़्याल में सबसे पहले गोवा जैसी डेस्टिनेशन आती हैं ... पर "गोवा" को सिर्फ बीच,नाईटलाइफ औऱ पार्टी के लिहाज देखना बेमानी होगा। समुंदर किनारे खूबसूरत ताड़ के पेड़, और बेहद खूबसूरत शहर का स्ट्रक्चर जो कि पुर्तगालियों द्वारा किया गया था। इन सबको देखे बिना गोवा घूमना खुद से किया गया धोखा है .
वैसे गोवा में चर्च बहुत सारे है पर सबसे खास "चर्च ऑफ अवर लेडी" को सबसे पुराने चर्चों में से एक माना जाता है और इस चर्च को पणजी का दिल कहा जाता है। चर्च के टावर पर मदर मेरी की एक मूर्ति है। 450 साल पुराना चर्च है और आज भी खूबसूरती से संरक्षित किया गया है। मूल रूप से इसे नाविकों का स्वागत करने के लिए बनाया गया था... पर अब ये जगह बॉलीवुड फिल्मो की शूटिंग और पर्यटकों से गुलजार है।
यहाँ खूबसूरत गिरजाघरों के अलावा अनोखे,अद्वितीय वास्तुकला के कई पुराने मंदिर हैं, जिनका गोवा शहर के धार्मिक ऐतिहासिक तौर से काफी महत्व है.. मंगेशी मंदिर "शांतादुर्गा मंदिर" और "महालक्ष्मी मंदिर" में आपको भारतीय और पुर्तगाली शैली का खूबसूरत मिश्रण दिखेगा।
यहाँ बने 🏰 "Aguada Fort और Reis Magos Fort" जिनका ऐतिहासिक पहलू बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। इन किलो को1551 में बनाया गया था समुंदर के किनारे इस किले से कई वर्षों तक पुर्तगाली शासकों के लिये एक दुर्जेय चेक पोस्ट की तरह कार्य किया जिससे वे पड़ोसी राज्यों से अपने क्षेत्र की सुरक्षा को सुनिश्चित करते थे... सन 1760 में रिस मगोस किले पर पुर्तगालियों ने कब्ज़ा कर लिया और इसके विभिन्न सुरक्षा टॉवरों ने उस समय हमला करने वाले शत्रु का ध्यान रखा। यहाँ से "पणजी शहर" और लंगर डाले हुए जहाज तथा क्रूज़ को भी देखा जा सकता है। यह किला लेटराईट पत्थरों से बना है...पुर्तगाली युग के समय रिस "मगोस किले" से गोवा पर मराठों के आक्रमणों को विफल करने के लिये किया गया। पुर्तगाली शासन के पतन के बाद इस किले का उपयोग जेल की तरह किया गया। और आज ये दोनो किले समुंदर के किनारे बेहद खूबसूरत पॉइंट जिसे गोवा जाकर मिस ना करे।
बाकि "पणजी" मुख्य शहर है जो नाईटलाइफ के लिए एकदम सटीक है.एक अहम बात जो आज के दौर में सबसे ज्यादा जरुरी है कि यहाँ "रात में जीने का सुकून और सड़क नापती लड़किया" शहर का माहौल,लोग और पुलिस-प्रशासन लड़कियों की सुरक्षा को लेकर काफ़ी सजग है। शहर का स्ट्रक्चर भी काफी पुराना है जो यहाँ की बिल्डिंगों में दिखाई देता है... यात्रियों को लुभाने के लिए शहर के पुर्तग़ाली समय से चले आ रहे स्ट्रक्चर को आज भी वैसे ही संजो के रखा गया है।
अपने मौसम व प्राकृतिक सुंदरता को समेटे होने के साथ-साथ गोवा फ़ूड भी उतना ही लालच भरा हुआ है आपको यहाँ कुछ रेस्टोरेंट्स ब्रिटिश,डच कल्चर, यूरोपियन स्टाईल कि तर्ज पर भी मिल जाएंगे तभी यहाँ विदेशी सैलानियों की भरमार रहती है,बाकि "कोंकणी फ़ूड" मुख्य है। इसके इतर "गोवा हिंदुस्तान में खान पान में सबसे खुली जगह है। आप जिस भी रेसटोरेंट्स में जाए, मेन्यू में Beef, Pork, Seafood, शाकाहारी एक साथ मिलेगा। कोई भेद भाव नहीं है, खाने को धर्म से नहीं जोड़ा जाता, यहां के ब्राह्मण भी मछली का भोजन करते हैं।
(Specially Thanks for Him - "Vikram Sood" Sir For Fooding Knowledge. )
विदेशी गोवा यू ही नहीं आते, उन्हें गोवा का खाना बेहद पसंद है। चाहे वो विंदालु हो या शकूती, रेशड़ हो या कॉफ्रियल। शाकाहारी हो या मांसाहारी। थाली जो देश के रेस्टोरेंट्स से लुप्त हो रही है, गोवा में ज़िंदा है, और यहाँ कि लोकल "कोंकण फिश थाली" लोगों को दुनिया के कोने कोने से खींच कर लाती है जिसमें पामलेट फिश, सुरमई फिश , प्रॉन्स वगैरहा मुख्य रूप से होता है !!!












































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